राजस्थान में खारे पानी की झीलें
1. सांभर झील - फुलेरा ( जयपुर - नागौर )
बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण वासुदेव चौहान ने किया।
सांभर झील राजस्थान की खारे पानी की सबसे बड़ी झील है ( 500 वर्ग किलोमीटर)
भारत का 8.7% नमक सांभर से निकलता है।
सांभर में राजस्थान का एकमात्र नमक म्यूजियम बनाया गया है।
सांभर में गिरने वाली नदियां - खाख मरू, खारी, खंडेला, मेघा, रूपनगढ़।
2. पंचभद्रा झील ( बालोतरा, बाड़मेर)
यह राजस्थान की सर्वोत्तम किस्म के नमक वाली झील है ( 98% nacl )
यहां खारवाल जाति मोरली झाड़ी से नमक बनाती है।
यह झील लूनी नदी को खारा बना देती है।
3. डीडवाना झील ( नागौर)
यहां उत्पादित नमक में सोडियम सल्फेट की मात्रा अधिक होने के कारण यह खाने में उपयोगी नहीं है।
इससे कृत्रिम कागज का निर्माण किया जाता है।
यहां सोडियम सल्फेट संयंत्र स्थापित किया गया है।
यहां नमक निर्माण में लगी संस्थाओं को देवल कहा जाता है।
अन्य खारे पानी की झीलें :-
1. डेगाना , कुचामन - नागौर
2. तालछापर - चूरू
3. कावोद - जैसलमेर
4. फलौदी - जोधपुर
5. रैवासा, कोछोर - सीकर
6. लूणकरणसर - बीकानेर
नोट:-झीलों के खारेपन का कारण -
१. कच्छ के रण की ओर से आने वाली लवण युक्त हवाएं
२. टेथिज सागर के अवशेष
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