Thursday, 11 January 2018

भारत का इतिहास - अशोक:–(273–232 ई. पूर्व)

                          भारत का इतिहास
             **अशोक:–(273–232 ई. पूर्व)**


#अशोक बिन्दुसार तथा धर्मा (सुभद्रांगी जनपद कल्याणी) का पुत्र था।
#अशोक का राज्यरोहण 273 ई. पूर्व में हुआ तथा राज्याभिषेक 269 ई. में हुआ।
#अशोक को शासन के लिए अपने भाइयों से संघर्ष करना पड़ा।
#सिंहली अनुश्रुती के अनुसार अशोक ने अपने 99 भाइयों की हत्या कर गद्दी प्राप्त की थी।
#पिंगलववत्सजीव मुनि ने अशोक के शासक बनने की भविष्यवाणी की थी।
#अशोक के शासक के 8 वे वर्ष (261ई. पूर्व) कलिंग का युद्ध हुआ था। जिसका उल्लेख अशोक के 13 वे सिलालेख में प्राप्त होता है, तथा इसी युद्ध के पश्चात अशोक का हृदय परिवर्तित हो गया।
#अशोक ने शासन के चोथे वर्ष में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। दीपवंश, महावंश के अनुसार निग्रोथ मुनि ने अशोक को बौद्ध धर्म से दीक्षित किया।
#दिवयपांग के अनुसार उपगुप्त ने अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी। परन्तु अशोक मोग्लीपुत्र त्रिंस के प्रभाव में पूर्णतः बौद्ध बना।
#अशोक की ही अध्यक्षता में तीसरी बौद्ध(251 ई. पूर्व) समिति हुई ।
#अशोक ने शासन के तेरहवें वर्ष में धम्म महामान्य की नियुक्ति की।
**धम्म :–अशोक ने जनता के नैतिक उत्थान के लिए जिन आचरो और नियमों का प्रतिपादन किया , वहीं अशोक का धम्म कहलाता है।
#अशोक के अभिलेखों में इसका नाम देवनाम प्रिय , देव नाम प्रियदर्शी प्राप्त होता है। परन्तु सर्वप्रथम आस्की अभिलेख में अशोक का नाम प्राप्त हुआ। इसके अलावा गुर्जरा, निट्टयुर, यास्की से भी अशोक का नाम प्राप्त होता है।

नोट:– अशोक के सभी अभिलेखो की पूरी जानकारी अगले पार्ट में दी जाएगी।

                                     धन्यवाद


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